DIABETES. तो डायबिटीस हे क्या ? What is diabetes ?
क्या आप जानते हे मेरे पिताजी , मेरे पडोसी और nik jonas में क्या समानता हे | आज के दिन में भारतमे १०१ मिलियन मतलब 10.1 करोड़ लोगो को डायबिटीस हे| लेकिन अगर हम कई पिछड़े इलाको की बात करे तो वहा पर तो हर ५ में से 3 मरीज़ अनडाइगनोस हे|मतलब की हालत जितनी दिख रही हे उससे कई ज्याद ख़राब हे|
और कई लोग एसा समजते हे की डायबिटीस सिर्फ उन्ही लोगो को होती है जो ज्यादा मीठा खाते हे|तो उन लोगो की गलत फ़हमी भी इस आर्टीकल में आगे ख़तम हो जाएगी|डायबिटीस के कई सारे कारण हे,और डायबिटीस कई प्रकारकी होती हे|
What is diabetes ? / डायबिटीस हे क्या?
असल में हमारे शारीर में अग्न्याशय(pancrease) में एक इन्सुलिन नाम का होरमोन ,एक रसायन बनता हे जो शरीरमे ग्लूकोज़ का पाचन करने का काम करता हे| जब किसी भी इन्सान में ये इन्सुलिन बनना बंध हो जाता हे तब शरीर में ग्लोक्ज़ का पाचन नहीं हो पता| इसे ही डायबिटीस की समस्या कहते हे|
वेसे ये काफी जटिल प्रश्न हे की डायबिटीस हे क्या ? what is diabetes ?
what is diabetes ? ये जानने के बाद आइए उसके बारे में कुछ और जानकारी प्राप्त करते हे |
डायबिटीज के लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:
- प्यास और भूख की अत्यधिकता : अत्यधिक प्यास और भूख का अहसास हो सकता है।
- पेशाब की अत्यधिकता: डायबिटीज के कारण पेशाब की अत्यधिकता हो सकती है।
- थकान और कमजोरी: अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के अतिरिक्त डायबिटीज के लक्षणों में थकान और कमजोरी हो सकती है।
- वजन कम होना: अचानक वजन कम होना भी डायबिटीज का लक्षण हो सकता है।
- त्वचा की समस्याएँ: जलन, खुजली या त्वचा की सूखापन डायबिटीज के लक्षण हो सकते हैं।
- लकवा: डायबिटीज वाले व्यक्ति को लकवा होने का जोखिम बढ़ जाता है।
- आंखों की समस्याएँ: आंखों में ब्लरिंग, दीद की कमजोरी और दर्द डायबिटीज के लक्षण हो सकते हैं।
- लक्षण की अनादर्ता: डायबिटीज के लक्षण अक्सर हल्के होते हैं और धीरे-धीरे बढ़ सकते हैं, इसलिए समय पर उनका पता लगाना महत्वपूर्ण है।
अगर आपको लगता है कि आप में या किसी और में डायाबिटीस के लक्षण हैं, तो डॉक्टर से संपर्क करें और उपयुक्त उपचार की सलाह लें। यह आपके स्वास्थ्य को संरक्षित रखने में मदद करेगा।
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Why diabetes happens ? / डायाबिटीस किसी को क्यों होती हे ?
डायाबिटीस किसी को क्यों होती हे , वो तो किसी को भी पता नहीं है | विज्ञान के पास इसका कोई ठोस कारन नहीं हे | हां लेकिन हमारी लाइफ स्टायल और खानपान हमारे अग्न्याशय को एफ्फेक करता हे , जिससे की किसी को डायाबिटीस हो सकती हे |
और कई बार डायबिटीस आनुवंशिक भी होती हे, लेकिन एसा जरुरी नहीं हे की अगर आपको डायबिटीस हे तो आपकी आने वाली पीढियों को भी होगी |
medicines used for diabetes :
- Metformin
- Sulfonylureas
- DPP-4 Inhibitors
- SGLT2 Inhibitors
- GLP-1 Receptor Agonists
- Insulin
- Alpha-glucosidase inhibitors
- Meglitinides
- Thiazolidinediones (TZDs)
यह ध्यान रखना आवश्यक है कि दवा और उपचार योजना का चयन रोगी के समग्र स्वास्थ्य, किडनी कार्य, यकृत कार्य, हृदय जोखिम और अन्य समवर्ती चिकित्सा स्थितियों जैसे कारकों के आधार पर एक स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर द्वारा व्यक्तिगत और निर्धारित किया जाना चाहिए। इसके अलावा, आहार, व्यायाम और वजन प्रबंधन जैसे जीवनशैली में बदलाव दवा के साथ-साथ मधुमेह के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
Diabetes Acording to Aayurveda
आयुर्वेद, प्राचीन भारतीय चिकित्सा प्रणाली, मधुमेह को एक चयापचय विकार के रूप में देखती है जो मुख्य रूप से असंतुलित दोष (वात, पित्त और कफ) और बिगड़ा हुआ अग्नि (पाचन अग्नि) के कारण होता है। आयुर्वेद में मधुमेह को “मधुमेह” या “प्रमेह” कहा जाता है।
आयुर्वेदिक सिद्धांतों के अनुसार, दोषों की प्रधानता के आधार पर मधुमेह विभिन्न प्रकार के होते हैं:
वातज प्रमेह: जब वात दोष प्रबल होता है, तो अधिक प्यास लगना, मुंह सूखना, बार-बार पेशाब आना और कब्ज जैसे लक्षण प्रमुख होते हैं।
पित्तज प्रमेह: जब पित्त दोष बढ़ जाता है, तो अधिक प्यास लगना, अत्यधिक पसीना आना, चिड़चिड़ापन और जलन जैसे लक्षण हो सकते हैं।
कफज प्रमेह: जब कफ दोष प्रबल होता है, तो अत्यधिक पेशाब आना, सुस्ती, वजन बढ़ना और मुंह में मीठा स्वाद आना जैसे लक्षण आम हैं।
सन्निपातिक प्रमेह: जब तीनों दोष शामिल होते हैं, तो इसे सन्निपातिक प्रमेह कहा जाता है। इस प्रकार का मधुमेह सभी दोषों के लक्षणों का एक संयोजन प्रस्तुत करता है।
मधुमेह के आयुर्वेदिक प्रबंधन में एक समग्र दृष्टिकोण शामिल है जिसमें जीवनशैली में संशोधन, आहार परिवर्तन, हर्बल उपचार और पंचकर्म (विषहरण प्रक्रियाएं) जैसे उपचार शामिल हैं।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि जबकि आयुर्वेद मधुमेह के प्रबंधन के लिए मूल्यवान अंतर्दृष्टि और दृष्टिकोण प्रदान करता है, इसे पारंपरिक चिकित्सा उपचार का पूरक होना चाहिए, और मधुमेह वाले व्यक्तियों को अपने उपचार के नियम में कोई भी महत्वपूर्ण बदलाव करने से पहले योग्य स्वास्थ्य देखभाल चिकित्सकों से परामर्श लेना चाहिए।
डायबिटीज से बचाव के कुछ मुख्य उपाय हैं:
- नियमित व्यायाम: रोजाना व्यायाम करना जैसे कि चलना, दौड़ना, योग आदि डायबिटीज को नियंत्रित रखने में मदद कर सकता है।
- सही आहार: अपने खाने में अधिक सब्जियों, फलों, पूरे अनाज, और प्रोटीन शामिल करें और तेल, चीनी, और प्रोसेस्ड फूड्स की मात्रा को कम करें।
- स्थानीय डॉक्टर की सलाह: नियमित रूप से अपने चिकित्सक से परामर्श लें और अपने डायबिटीज के लिए आवश्यक टेस्ट और जाँच करवाएं।
- स्वस्थ जीवनशैली: धूम्रपान और शराब का सेवन कम करें, पर्याप्त नींद लें, तनाव को कम करने के तकनीकों का उपयोग करें।
ये सभी उपाय साथ मिलकर डायबिटीज से बचाव में मदद कर सकते हैं। ध्यान दें कि डायबिटीज के लिए आपकी व्यक्तिगत परिस्थितियाँ और स्वास्थ्य आधारित उपचार अलग-अलग हो सकते हैं, इसलिए अपने डॉक्टर से सलाह लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है।