दुनिया covid 19 की एक विशाल महामारी से उभरी ही हे की एक नए वायरस का खतरा पूरी दुनिया पर मँडरा रहा हे | वो वाइरस हे monkey pox , वेसे तो ये वाइरस 2022 मे भी फेला था लेकिन , अभी के समय मे ये वाइरस तेजी से फेल्ट जा रहा हे।
फिल हाल पूरे विश्वभर मे 99000+ से भी ज्यादा लोग इस वाइरस की जपेट मे या चुके हे। ओर भारत मे भी 30 कन्फर्म्ड केस सामने आए हे।ये वाइरस फेलना शुरू हुआ था अफ्रीका के कोंगों देश से , धीरे धीरे ये वाइरस पूरे आफ्रिका मे फेल गया ओर अब पूरे विश्वमे भी फेल रहा हे।
What are monkeypox symptoms ? | monkey pox के लक्षण
एमपॉक्स वायरस (Monkeypox) के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, और शरीर में थकान शामिल हैं। इसके अलावा, लिम्फ नोड्स (गाँठें) में सूजन हो सकती है, जो कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को दर्शाती है। संक्रमण के 1 से 3 दिनों के बाद शरीर पर दाने दिखाई देने लगते हैं, जो कि पहले चेहरे पर और फिर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाते हैं।
ये दाने शुरुआत में लाल धब्बों के रूप में होते हैं, जो बाद में फफोले (ब्लिस्टर्स) और फिर पपड़ी (क्रस्ट) में बदल जाते हैं। ये लक्षण आमतौर पर 2 से 4 सप्ताह तक बने रहते हैं, और अधिकांश मरीज धीरे-धीरे ठीक हो जाते हैं। लेकिन कुछ मरीज इस बीमारी से मारे भी गए हे|
How is monkeypox caused? | monkey pox का कारण
monkey pox एक वायरल संक्रमण है जो मंकीपॉक्स वायरस के कारण होता है। यह वायरस मुख्य रूप से संक्रमित जानवरों, विशेष रूप से बंदरों, चूहों, और गिलहरियों जैसे जंगली जानवरों के संपर्क में आने से फैलता है। वायरस संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क, शारीरिक तरल पदार्थ, या दूषित सतहों के माध्यम से भी फैल सकता है।
How is monkeypox transmitted? | monkey pox का संक्रमण केसे होता हे।
इसके अलावा, संक्रमित व्यक्ति के श्वसन बूंदों के संपर्क में आने से भी यह बीमारी फैल सकती है। monkey pox का संक्रमण अक्सर उन क्षेत्रों में अधिक होता है जहां जंगली जानवरों का सेवन या उनके साथ निकट संपर्क सामान्य है। हालांकि, यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकता है, खासकर घरों या स्वास्थ्य केंद्रों में, जहां संक्रमित व्यक्तियों की देखभाल की जाती है।
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Can monkeypox be cured? | क्या monkey pox का इलाज संभव हे |
मंकीपॉक्स (एमपॉक्स) का अभी तक कोई विशेष इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों का प्रबंधन और उपचार संभव है। मंकीपॉक्स एक स्व-सीमित बीमारी है, जिसका मतलब है कि यह समय के साथ अपने आप ठीक हो सकती है। ज्यादातर मामलों में, मरीज 2 से 4 सप्ताह के भीतर ठीक हो जाते हैं।
उपचार में मुख्य रूप से लक्षणों का प्रबंधन शामिल होता है, जैसे बुखार को कम करना, दर्द का उपचार, और त्वचा के दानों की देखभाल। गंभीर मामलों में, जिनमें मरीजों की स्थिति खराब हो जाती है, उन्हें अस्पताल में भर्ती कर इलाज की आवश्यकता हो सकती है। इसके अलावा, कुछ एंटीवायरल दवाओं का उपयोग भी मंकीपॉक्स के इलाज में किया जा सकता है।
वैक्सीन भी उपलब्ध है, जो मंकीपॉक्स से बचाव में मदद कर सकती है, हालांकि यह संक्रमण के बाद इलाज के रूप में उपयोगी नहीं है। इस बीमारी से बचने के लिए रोकथाम पर ध्यान देना अधिक महत्वपूर्ण है, जिसमें संक्रमित व्यक्तियों और जानवरों से संपर्क से बचना शामिल है।
मंकीपॉक्स (एमपॉक्स) आमतौर पर घातक नहीं होता, लेकिन कुछ मामलों में यह गंभीर हो सकता है। इस वायरस से संक्रमित अधिकांश लोग 2 से 4 सप्ताह के भीतर पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं, और मृत्यु दर सामान्य रूप से कम होती है। हालांकि, छोटे बच्चों, बुजुर्गों, और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों में बीमारी की गंभीरता बढ़ सकती है।
पश्चिम और मध्य अफ्रीका में, जहां मंकीपॉक्स अधिक आम है, वहां की कुछ आबादी में मृत्यु दर 1% से 10% तक हो सकती है। हालांकि, यह आंकड़ा क्षेत्र, स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता, और व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर भिन्न हो सकता है। समय पर उपचार और उचित देखभाल से मंकीपॉक्स के गंभीर परिणामों को टाला जा सकता है।
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