विज्ञान की एक शाखा हे biology यानि की जीवविज्ञान,ओर जीवविज्ञान की भी कई शाखाए हे जिसमे से एक हे Genetic engineering । लेकिनग आखिर ये जेनेटिक इंजीनियरिंग क्या है ?
Genetic engineering एक बोहोतही रोचक एवं अद्भुत विषय हे | Genetic engineering मे किसी भी जींद जीव के base block डीएनए मे बदलाव किया जाता हे | Genetic engineering से हम डीएनए मे बदलाव करके किसी भी जीव मे बदलाव ला सकते हे । Genetic engineering ने हमे कई तरह की नई एसी फसल जो जन्तुओ का प्रतिरोध करती हो एसी फसल बनाने मे मदद की हे |
Genetic engineering | जेनेटिक इंजीनियरिंग क्या है ?
किसी भी जीव के सेल्स यानि की कोश के अंदर उसका dna होता हे ओर इसी dna के अंदर हमारी आनुवंशिक माहिती स्टोर की गई होती हे | डीएनए से ही ते होता हे की हमारे शरीर का रंग केसा होगा , हमारी कद काठी केसी होगी आदि चीजे ओर हमारे शरीर का कोनस ऑर्गन कहा पर होगा ये माहिती भी dna मे ही स्टोर होती हे | जेनेटिक इंजीनियरिंग क्या है ? Genetic engineering मे इसी डीएनए मे बदलाव किया जाता हे जिससे की हम जेस चाहते हे वेसे ही परिणाम हमे मिल सके ।
आप ऊपर दिखाई गई इमेज मे देख सकते हे की एक डीएनए का चित्र हे इसके आस पास जो A C G T लिखा हुआ हे वो base pairs हे | एक dna कई सारी base Pairs से ही बना हुआ होता हे | एक डीएनए के अंदर 3 billion base pairs होती हे | ओर इनमे से हर एक base pair का क्रम किसी न किसी कार्य के लिए जिम्मेदार होता हे |
जेसे की एक उदाहरण से समजाऊ तो मेरे डीएनए के अंदर एक base pair हे जो मेरे शरीर के रंग के लिए जिम्मेदार हे । ओर अगर हम उस डीएनए की रंग के लिए जिम्मेदार base pair मे बदलाव कर दे तो हम शरीर के रंग मे भी परिवर्तन कर सकते हे।
जेनेटिक इंजीनियरिंग क्या है ? ओर इसी तरह से डीएनए की base pairs मे बदलाव करने को Genetic engineering कहा जाता हे। ओर यह काफी जटिल ओर महंगी प्रक्रिया हे |
Use of Genetic engineering | जेनेटिक इंजीनियरिंग का उपयोग
जीव विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में Genetic engineering का उपयोग बहुत महत्वपूर्ण है। इसके माध्यम से वैज्ञानिक डीएनए के विशिष्ट अंशों को बदलकर या जोड़कर जीवों के गुणधर्मों में बदलाव कर सकते हैं। कृषि में Genetic engineering का उपयोग करके फसलों को अधिक उपजाऊ, रोग-प्रतिरोधी और पोषक तत्वों से भरपूर बनाया जा रहा है।
चिकित्सा के क्षेत्र में, Genetic engineering के माध्यम से जटिल बीमारियों के इलाज के लिए नई दवाओं और उपचार विधियों का विकास किया जा रहा है। इसके अलावा, जीन थेरेपी का उपयोग करके अनुवांशिक बीमारियों का उपचार किया जा रहा है।
औद्योगिक क्षेत्र में, यह तकनीक उपयोगी एंजाइम्स और अन्य उत्पादों के उत्पादन में सहायक साबित हो रही है। कुल मिलाकर, Genetic engineering ने विज्ञान और समाज के विभिन्न क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव लाए हैं, जो भविष्य में और भी नए आयामों को छू सकते हैं।
आज से कुछ सालों पहले डाइबीटीस के मरीजों को जो इंसुलिन दिया जाता था वो सुवरों को मारकर उसके pancrease मेसे निकाल जाता था । तब इंसुलिन काफी महंगा भी होता था | लेकिनग Genetic engineering की मदद से आज बेक्टीरिया की मदद से इन्सुलिन टेयर किया जाता हे जो सस्ता भी हे जिससे की समाज का हर वर्ग इसे अफोर्ड कर सकता हे |
Genetic engineering process | जनेटिक एंगीनरिंग की तकनीक
Genetic engineering की तकनीक एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें जीवों के जीनोम (अनुवांशिक पदार्थ) में बदलाव किया जाता है। यह प्रक्रिया कई चरणों में पूरी होती है:
जीन की पहचान और अलगाव: सबसे पहले, जिस जीन में बदलाव करना है, उसकी पहचान की जाती है। यह जीन उस विशेष गुण को नियंत्रित करता है जिसे हम बदलना चाहते हैं। इसे पहचानने के बाद, जीन को डीएनए के अन्य अंशों से अलग किया जाता है।
जीन क्लोनिंग: अलग किए गए जीन को क्लोन किया जाता है, जिससे उसकी कई copies बनाई जा सकें। यह प्रक्रिया बैक्टीरिया या अन्य वाहक (वेक्टर) के माध्यम से की जाती है।
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जीन का संशोधन: अगर आवश्यक हो, तो जीन को संशोधित किया जाता है ताकि वह अधिक प्रभावी हो सके या उसमें कोई विशेष गुण जोड़ा जा सके। इस चरण में, जीन में छोटे-छोटे बदलाव किए जा सकते हैं।
जीन का सम्मिलन (इंसर्शन): संशोधित जीन को उस जीव के जीनोम में सम्मिलित किया जाता है, जिसे हम बदलना चाहते हैं। यह प्रक्रिया विभिन्न तरीकों से की जा सकती है, जैसे कि जीन गन (Gene Gun) का उपयोग करना, जिसमें जीन को धातु के छोटे कणों के साथ उस जीव की कोशिकाओं में प्रविष्ट किया जाता है।
ट्रांसजेनिक जीवों का विकास: जीन के सफल सम्मिलन के बाद, जीव को बढ़ने और विकसित होने दिया जाता है। इस चरण में यह सुनिश्चित किया जाता है कि नया जीन सही ढंग से काम कर रहा है और परिणामी गुण प्रकट हो रहे हैं।
परीक्षण और विश्लेषण: अंतिम चरण में, संशोधित जीव का परीक्षण किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उसमें वांछित गुणधर्म विकसित हुए हैं और कोई अनचाहा प्रभाव नहीं हुआ है।
जेनेटिक इंजीनियरिंग कोर्स कितने साल का है?
Genetic engineering का कोर्स आम तोर पर बाकी ब टेक कोर्स की तरह ही तीन साल का होता हे। देश की कुछ बेहतरीन Genetic engineering का कोर्स प्रदान करती कॉलेज की लिस्ट
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