BrahMos | brahmos missiles Explained | ब्रह्मोस मिसाइल

brahmos missiles Explained

भारतीय सेना कई तरह के हथियारों का उपयोग करती है और उसमे कई हथियार बाहरी देशो से मँगाए गए होते हे , लेकिन आज भारतीय सेना में भारतमे ही बनाये गए अलग अलग तरह के और नए नए हथियार इस्तमाल किये जाते हे| उनमे से एक हथियार हे ब्रह्मोस मिसाइल (brahmos missiles ), जो भारतीय और रुसी वैज्ञानिको ने मिलकर बनाई हे | आज के इस आर्टिकल में इसी ब्रह्मोस मिसाइल के बारे में डिटेल में जानते हे |

 

ब्रह्मोस मिसाइल हे क्या ? | What is brahmos missiles ? 

brahmos missiles एक भारतीय सेना की  मीडियम रेंज रैमजेट सुपर सोनिक क्रूज़ मिसाइल हे | ये बोहोत ही खतरनाक हथियार हे | इस मिसाइल को सबमरीन , एयर प्लेन , नेवी के जहाज एवं जमीन से भी कोंच किया जा सकता हे |

brahmos missiles ब्रह्मोस मिसाइल

ब्रह्मोस मिसाइल को केसे बनाया गया ? | How brahmos missiles developed ? 

२०१६ में भारत मिसाइल टेक्नोलॉजी कण्ट्रोल रेजीम का मेंबर बनता हे | भारत और रसिया साथ मिलकर एक एसी मिसाइल बनाना चाहते थे जिसकी रेंज 800 किलोमीटर की हो |२०२२ में इंडो-रसिया  ब्रह्मोस प्रोग्राम के चीफ अतुल राणे ने एसी स्टेटमेंट दी की अब इंडिया और रसिया साथ मिलकर ब्रह्मोस मिसाइल 2 बनाने पर कम कर रहे हे | जो इस मिसाइल से भी ज्यादा ताकतवर होगी | 

इस brahmos missiles  को बनाने के लिए एक कंपनी को बनाया गया था , जिसके 50.५%  हिस्सा भारत का हे और ४९.५ % हिस्सा रसिया का हे | इस मिसाइल को बनाने की शरुआत १९९५ से हो चुकी थी | 

brahmos missiles ब्रह्मोस मिसाइल

ब्रह्मोस मिसाइल ये नाम केसे दिया गया ? | brahmos missiles How the name is given ? 

  क्युकि ये brahmos missiles भारत और रसिया साथ मिलकर बना रहे थे इसी लाइट भारत की नदी ब्रह्मपुत्र और रसिया की नदी मोस्क्कोवा के नाम को मिलकर इस मिसाइल का नाम ब्रह्मोस मिसाइल रखा गया हे | 

ब्रह्मोस मिसाइल को बनाने में खर्च कितना होता हे ? | brahmos missiles making coasts 

इस मिसाइल को बनाने के लिए पर यूनिट 3.५ मिलियन अमरीकी डॉलर्स ( 3.5 million u.s. dollars ) का खर्च होता हे | 

ब्रह्मोस मिसाइल की रेंज क्या हे ? | brahmos missiles range

ब्रह्मोस मिसाइल की रेंज २९० किलोमीटर (250 km )हे , लेकिन इसका अपग्रेडेड वर्ज़न ४५०-५०० किलोमीटर ( 450-500 km) की रेंज में निशाना लगा सकता हे | 

brahmos missiles ब्रह्मोस मिसाइल

ब्रह्मोस मिसाइल की स्पीड क्या हे ?| brahmos missiles speed 

ब्रह्मोस मिसाइल मार्क 3 की स्पीड से निशाने पर वर कर सकती हे | मतलब लगभग लगभग ३७०४ किलोमीटर प्रति घंटे ( 3704 km/h ) की रफ़्तार से | 

ब्रह्मोस मिसाइल के विशेष विवरण | specifications

इस ब्रह्मोस मिसाइल का वजन ३००० किलोग्राम होता हे | इसके कुछ दुसरे वेरिएन्ट्स ब्रह्मोस – a का वजन २५०० किलोग्राम और ब्रह्मोस – ng का वजन १५०० किलोग्राम हे | 

इस ब्रह्मोस मिसाइल की लम्बाई ८.४ मीटर( lenth 8.4 m) हे और इसकी चोडाइ ०.6 मीटर( daimiter 0.6m ) हे | इसके दुसरे वेरिएंट ng की लम्बाई 6 मीटर ( lenth 6 miter ) हे और  चोडाइ  ०.५ मीटर ( daimiter 0.5 miter ) हे | 

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विभिन्न प्रकार | varients

Surface-launched, Block I

  • Ship-launched, anti-ship variant (operational)
  • Ship-launched, land-attack variant (operational)
  • Land-launched, land-attack variant (operational)
  • Land-launched, anti-ship variant (in induction)

Surface-launched, upgraded variants

  • BrahMos Block II land-attack variant (Operational)
  • BrahMos Block III land-variant (In induction)
  • Anti-aircraft carrier variant (tested in March 2012) – the missile gained the capability to attack aircraft carriers using the supersonic vertical dive variant of the missile that could travel up to 290 km.

Air-launched

  • Air-launched, anti-ship variant (operational)
  • Air-launched, land-attack variant (operational)

Submarine-launched

  • Submarine-launched, anti-ship variant – (ready for induction)
  • Submarine-launched, land-attack variant (ready for induction)

Opration history 

21 june 2007 के दिन  इस मिसाइल को भारतीय सेना की तीनो विंग्स को दिया गया था २१ – फेब्रुआरी – २०२४ को केबिनेट ने भारतीय नेवी में २२० ब्रह्मोस मिसाल को deploy करने का फेसला लिया हे | भारत बोहोत ही शांति प्रिय देश हे इसी लिए इस मिसल को ज्यादा बार उपयोग नहीं किया गया हे लेकिन एक बार एक मिसाइल 9 मार्च २०२२ को आकस्मिक तोर पर पाकिस्तान में चली गयी थी | 

 

ब्रह्मोस मिसाइल, भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और रूस के एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया के बीच एक सहयोगी परियोजना, एक उन्नत सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है जो अपनी गति, सटीकता और बहुमुखी प्रतिभा के लिए जानी जाती है। इसका नाम दो नदियों से लिया गया है: भारत में ब्रह्मपुत्र और रूस में मोस्कवा। मिसाइल की प्रणोदन प्रणाली प्रारंभिक त्वरण के लिए एक ठोस-प्रणोदक बूस्टर और निरंतर सुपरसोनिक क्रूज़ के लिए एक तरल-ईंधन रैमजेट इंजन को एकीकृत करती है, जो इसे मैक 2.8 से 3.0 की गति तक पहुंचने में सक्षम बनाती है। वायुगतिकीय डिजाइन और उन्नत मार्गदर्शन प्रणाली, जिसमें जड़त्वीय नेविगेशन, जीपीएस और सक्रिय रडार होमिंग का संयोजन शामिल है |

 

उच्च सटीकता और गतिशीलता सुनिश्चित करते हैं। मिसाइल की स्टील्थ तकनीक इसके रडार सिग्नेचर को कम कर देती है, जिससे इसका पता लगाना और रोकना मुश्किल हो जाता है। विभिन्न प्लेटफार्मों – भूमि, समुद्र, उप-समुद्र और वायु – से लॉन्च करने में सक्षम ब्रह्मोस मिसाइल प्रणोदन, वायुगतिकी और मार्गदर्शन प्रणालियों में अत्याधुनिक प्रगति का उदाहरण है, जो आधुनिक मिसाइल प्रौद्योगिकी में एक बेंचमार्क स्थापित करती है।

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